CTET Child Development & pedagogy top 500 questions ( Part -8 )
(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) :

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इस CTET Notes में आप सभी को अधिगम में मूल्यांकन एवं मापन प्रश्न और परिभाषाएं,मापन एवं मूल्यांकन में अंतर एवं इसकी परिभाषा आदि के बारे महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाएगी |बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र से संबंधित उन प्रश्नों के बारे में है जिनको पिछ्ले Teaching के Exam जैसे CTET , UPTET पूछे गए हैं |
इसमें Child Development and Pedagogy से संबंधित प्रश्न हैं,Child Development and Pedagogy के पिछ्ले Year के Question आप सभी को मिल जाएगा |

Child Development & pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) top 500 questions Part 1

Child Development & pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) top 500 questions Part 2

Child Development & pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) top 500 questions Part 3

Child Development & pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) top 500 questions Part 4

Child Development & pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) top 500 questions Part 5

Child Development & pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) top 500 questions Part 6


Child Development & pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र) top 500 questions Part 7

211. निम्‍नलिखित में कौन-सा तथ्‍य शैक्षिक मूल्‍यांकन से सम्‍बन्धित है –
ज्ञान, बोध, सूचना

212. किसके आधार पर छात्रों का तुलनात्‍मक अध्‍ययन सम्‍भव है –
मूल्‍यांकन

213. मूल्‍यांकन का स्‍वरूप होता है –
मात्रात्‍मक, गुणात्‍मक

214. मूल्‍यांकन के आधार पर छात्र के सम्‍बन्‍ध में ज्ञान प्राप्‍त किया जा सकता है –
भविष्‍य एवं वर्तमान का

215. मूल्‍यांकन के संज्ञानात्‍मक पक्ष में मूल्‍यांकन किया जाता है –
ज्ञान व बोध का

216. प्रधान रुचियां एवं मान्‍यताएं सम्‍बन्धित है –
भावात्‍मक पक्ष से

217. मूल्‍यांकन के भावात्‍मक पक्ष से सम्‍बन्धित है –
प्रधान रुचियां, व्‍यवस्‍थापन, चरित्रीकरण

218. यान्त्रिक कुशलताएं मूल्‍यांकन के किस पक्ष से सम्‍बन्धित है –
कौशलात्‍मक पक्ष से

219. मापन का क्षेत्र है –
सीमित

220. मापन किया जा सकता है –
मात्रात्‍मक रूप में

221. मापन होता है –
निश्चित

222. मापन में किसी वस्‍तु के पक्ष पर बल दिया जाता है –
एक पक्ष पर

223. मूल्‍यांकन के सापेक्षिक रूप से नवीन प्राविधिक पद माना है –
जे. डब्‍ल्‍यू. राइट स्‍टोन ने

224. मूल्‍यांकन एक प्रक्रिया है –
व्‍यापक, निरन्‍तर चलने वाली

225. मूल्‍यांकन स्‍वरूप होता है –
निदानात्‍मक, सुधारात्‍मक, समास्‍याओं का समाधान करने वाला

226. अभिभावकों को मूल्‍यांकन की आवश्‍यकता होती है –
बालकों की योग्‍यता एवं रुचि के ज्ञान के लिए, बालक की त्रुटियों को दूर करने के लिए, उचित व्‍यवहार को सिखाने के लिए

227. माध्‍यमिक शिक्षा आयोग के अनुसार,मूल्‍यांकन का महत्‍व है –
सामाजिक दोष के लिए, विद्यालय के सफल संचालन के लिए, अपेक्षित अधिगम स्‍तर के लिए

228. कोठारी आयोग के अनुसार,मूल्‍यांकन है –
एक क्रमिक प्रक्रिया, शिक्षा प्रणाली का आवश्‍यक अंग, शिक्षा के उद्देश्‍यों से घनिष्‍ठ सम्‍बन्‍ध

229. ग्रीन के अनुसार, मूल्‍यांकन का प्रयोग किया जाता है –
विद्यालय कार्यक्रम की जांच के लिए, शैक्षिक सामग्री के जांच के लिए, पाठ्यक्रम तथा शिक्षक की जांच के लिए

230. मूल्‍यांकन का प्रमुख उद्देश्‍य है –
सर्वांगीण विकास

231. समय-समय पर पाठ्यक्रम में परिवर्तन के लिए प्रमुख रूप से आवश्‍यकता होती है –
मूल्‍यांकन की

232. मूल्‍यांकन की प्रमुख भूमिका होती है –
योजना निर्माण में एवं भविष्‍यवाणी में

233. मूल्‍यांकन की प्रशासनिक आवश्‍यकता होती है –
संचित अभिलेख पत्र निर्माण में, योजना निर्माण में, त्रुटि सुधार में

234. मूल्‍यांकन की शैक्षिक आवश्‍यकता होती है –
पाठ्यक्रम निर्माण में, योग्‍यतानुसार वर्ग निर्माण में, शैक्षिक कठिनाईयों के समाधान में

235. एक शिक्षक क्षरा स्‍तरीय शिक्षण व्‍यवस्‍था के लिए समूह निर्धारण किया जाए तो प्रमुख रूप से आवश्‍यकता होगी –
मूल्‍यांकन की

236. शोध कार्य में मूल्‍यांकन की आवश्‍यकता होती है –
परकिल्‍पनाओं के मूल्‍यांकन के लिए

237. मूल्‍यांकन एक प्रक्रिया है –
व्‍यापक

238. किसी वस्‍तु का निर्धारण ही मूल्‍यांकन है। यह कथन है –
टारगर्सन का व एडम्‍स का

239. क्विलिन एवं हनन के अनुसार, मूल्‍यांकन है –
शिक्षालय द्वारा छात्रों में किए गए परिवर्तनों का प्रमाणीकरण एवं व्‍यवस्‍था

240. मूल्‍यांकन को शिक्षा के प्रति नवीन धारणा किसी विद्वान ने माना है –
क्विलिन ने

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2 comments:

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