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CTET पर्यावरण अध्ययन(EVS) Class 3rd NCERT Questions/Answers :
चूहों की देखने की क्षमता कम होती है, पर सूंघने, छूने और टेस्ट करने की क्षमता बहुत ही अच्छी होती है।
डल लेक श्रीनगर में है।
बांस और रस्सी के पुल का उपयोग असम में किया जाता है।
लकड़ी की नाव का उपयोग केरल में किया जाता है।
ऊंट की गाड़ी का उपयोग राजस्थान में होता है।
उत्तराखंड में रास्ते उबड़ खाबड़ पाए जाते हैं।
गाँधी जी की '150वी जयंती ' पर ''स्वच्छ भारत अभियान'' की शुरुवात हुई |
श्रीनगर कहवा चाय के लिए विख्यात जगह है इसमें इलाइची और बादाम भी डालते हैं।
शिकारा नाम की नाव से टूरिस्ट डल लेक में मनोरंजन करते हैं।
हाउस वोट श्रीनगर में पाई जाती है।
ट्रॉली का उपयोग लद्दाख में होता है।
उल्लू अपनी गर्दन पीछे तक घुमा सकता है।
पक्षियों के पंख उन्हें उड़ने में मदद करते हैं तथा गर्माहट देते हैं।
नागपुर के लोग दाल में चीनी डाल देते हैं।
डांस में हाथ और चेहरे के जरिए भावनाएं दिखाई जाती हैं, जिन्हें मुद्रा और भाव कहते हैं।
ब्रेल लिपि एक मोटे कागज पर लिखी जाती है, जिसमें एक नुकीली चीज से बिंदुओं को उभारा जाता है।
ब्रेल लिपि में उबरे हुए बड़े बिंदुओं पर उंगलियों के सहारे इसे पढ़ा जाता है।
ब्रेल लिखावट उन लोगों के लिए होती है, जो आंखों से देख नहीं सकते हैं वह उन्हीं बिंदुओं को छू कर के समझते हैं कि क्या लिखा है।
ब्रेल लिपि, लुइस ब्रेल जो कि फ्रांस के थे उनके नाम पर इस लिपि का नाम रखा गया है।
लुइस ब्रेल की 3 साल की उम्रमें किसी दुर्घटना से इनकी आंखों की रोशनी चली गई थी।
लुइस ब्रेल की पढ़ाई में रुचि थी तो वह पढ़ने लिखने के लिए विभिन्न नये तरीके सोचने लगे उन्होंने जो तरीका निकाला बाद में उसे (Braille) ब्रेल स्क्रिप्ट के नाम से जाना गया।
यह स्क्रिप्ट छह बिंदुओं पर आधारित थी अब यह कंप्यूटर के प्रयोग से भी लिखी जा सकती है।
अगर आप बच्चों को ब्रेल स्क्रिप्ट के बारे में बताएंगे और समझएँगे तो वह उसे अच्छे से समझ पाएंगे।
शुरुआत में बर्तन पत्थर या चिकनी मिट्टी के बनाए जाते थे।
पक्षी कीड़ों को खा कर फलों को कीड़ों से को से बचाते हैं।
हमिंग बर्ड की चोंच सुई की नोक जैसी होती है।
कबूतर की चोंच गुलाबी और पंख ग्रे रंग के होते हैं।
बज्जू नामक गांव राजस्थान में है। मैप को समझने के लिए सिंबल्स की समझ होना जरूरी है।
रीयूज वाटर के बारे में डिस्कशन करने से बच्चों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता आएगी।
हांगकांग में सांप खाए जाते हैं, इसके सूप को लिंग-हू-फेन कहते हैं।
कश्मीर में सरसों के तेल में मछली को पका कर खाते हैं, जबकि गोवा में नारियल के तेल में मछली को पकाया जाता है।
टैपिओका (Tapioca) एक प्रकार का फल है जो केरल में उबालकर खाया जाता है।
वल्चर (vulture) या गिद्ध मरे हुए जानवरों को खाता है।
असम में घर जमीन से 10 से 12 फुट ऊपर होते हैं और यह बांस से बनाए जाते हैं। और घर के अंदर भी लकड़ियों का ही प्रयोग होता है।
असम में घर को ऊंचाई पर बनाए जाने का कारण यह है कि असम में भारी बारिश होती है, जिसके कारण घर में पानी भरने का खतरा बना रहता है।
मनाली में पत्थर और लकड़ी दोनों से घर बनते हैं, और यहां बारिश के साथ-साथ बर्फ भी पड़ती है।
राजस्थान में मड जो कि एक प्रकार की गीली मिट्टी है, के घर बनाए जाते हैं और छत झाड़ियों से बनती है।
राजस्थान के लोग टैंक (Tank) को टंका (tanka) भी कहते हैं।
राजस्थान के लोग अपने घर के आंगन में गड्ढा बनाते हैं।
राजस्थानी लोग छत को ढलानदार बनाते हैं, जिससे वह बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं, और उसका उपयोग दैनिक जीवन में करते है।
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